संक्षिप्त भौगोलिक स्थिति के बारे में जानकारी इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि जिस भूभाग में किसी जन समुदाय की सभ्यता एवं संस्कृति का विकास हुआ है। उस भूभाग में बस्तर लोक जीवन कि सामाजिक संरचना, रीति-नीति, रहन-सहन तथा सांस्कृतिक पहचान अनुठी परंपराओं में शामिल, प्रकृति से उठकर आने वाली गोंडी भाषा-बोली और विशिष्ट जीवन शैली से होती है। इस दृटिगत वहाँ पर कुदरती ज्ञान को संजोकर आज तक रखने वाले जन समुदाय के रहस्यमयी गोटुल विद्यमान है। जिसके बारे में वास्तविक जानकारी से अवगत होना अर्थात गोटुल पुन्दाना।
RELIGION / Ethnic & Tribal
Gotul Pundana
₹250.00
By: Marairadheram Bastarraya
ISBN: 9789366653464
Language: Hindi
Pages: 192
Category: RELIGION / Ethnic & Tribal
Delivery Time: 7-9 Days
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