ऐसे तो मैने बहुत सी स्क्रिप्ट लिख डाली है मगर इसे मैने नॉवेल का रूप देने का प्रयास किया है। मैंने जो भी नोवल लिखकर बुक प्रिंट करवाई वो सिर्फ एक परिकल्पना है। इसमें दुख भी है दर्द भी है, इसमें एक भावनाएं भी है एक कठोरता भी है, एक गुस्सा एक जुनून भी है। इसमें देश प्रेम भी है, हमारे देश मे पल फल रहे देश द्रोहियों पापियों की कहानी है इस नॉवेल में। एक बहादुर नौजवान अपनी जान पर खेल जाने वाले ईमानदार पोलिस ऑफिसर विजय की कहानी है, भष्टाचार को मिटाने वाले ईमानदार पोलिस ऑफिसर विजय की कहानी है। कदम कदम पर होने वाले लूटमार और अंधाधुंध और फायरिंग की कहानी है। जो भी है वो सिर्फ़ और सिर्फ़ एक परिकल्पना है बस इसके सिवाए और कुछ नहीं इसके अंदर। इस कहानी में किसी भी व्यक्ति समुदाय समाज धर्म को ध्यान मे रखकर नही लिखी हैं, और नाही किसको भी कोई भी ठेस पहुंचाने की कोई भी कोशिश नही की है। जय भारत…..
FICTION / General
Aatma Ki Kalam Se Likhi Gai Man Ki Parikalpnaye – Matlab- Jai Bharat: Police Officer Vijay (Episode 108)
₹450.00
By: Mukesh Aalawala
ISBN: 9788119368501
Category: FICTION / General
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