Bharat Ki Jyoti Aur Shakti

199.00

By: Ras Vihari

ISBN: 9789366652740

Category: POETRY / General

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हमारा देश भारत शान्ति प्रिय देश है।मानवता की जन्म भूमि है। ममता और स्नेह का अपना प्रिय उद्यान है। ममता और स्नेह के पौधे को पल्लवित और कुसुमित होने की शक्ति ऋतुराज वसंत इसी घरती पर सुअवसर प्रदान करने में सक्षम होता रहा है। आदिकाल से ही दुनिया के दुःखी हृदय को स्नेह से गले लगा लेने की अभिलाषा भारत देश की रहती आयी है। संसार की पीड़ा अन्धकार को मिटाने के लिए भारत के हृदय में सदा ही अमर दीप जलता रहा है। संसार में ऐसे भी हृदयवाला देश विराजमान है जो अपनी काली नीति से प्रेरित होकर औरों को अपनी प्रभुता दिखाने के लिए हमेशा विनाशकारी विचार में तल्लीन रहता है। चीन के हृदय में ऐसा ही स्याहीमय विचार जगा। अपने वायोलोजिकल प्रयोगशाला में दिसम्बर 2019, कोरोना वायरस की रचना की। इस वायरस से सारी दुनिया में कहर मच गया। अनगिनत लोगों की जान गयी।सारी दुनिया आँसू में डूबी हुई थी। भारत भी आँसू से वंचित नहीं था। आँसू में रोते हुए रहकर भी भारत अनेक असहाय देशों के आँसू में अपना हाथ भिंगा रहा था । ऐसे संकट काल में चीन को दुनिया की आँखों के आँसू की क्यों चिन्ता । अपने नागरिकों की जान की भी परवाह नहीं की।चीन में भी लोग कोरोना से बड़ी संख्या में कब्र के अन्दर दफनाये जा रहे थे। चीन नीचता की सीमा को पार कर गया । भारत की जमीन हड़पने के लिए अपनी सेना को सीमा पर जमा करने लगा। ऐसा करने का उसका उदेश्य उद्देश्य अपनी शक्ति प्रर्दशन और सारी दुनिया जो उस पर कोरोना वायरस रचने का दोष लगा रही थी उसमें शिथिलता लाना। चीन अपनी सिकुड़ी हुई आँखों से देखने में सक्षम नहीं हो पा रहा था। भारत की शक्ति की तस्वीर उसे कैसे नजर में आ सकती थी। हमारे देश भारत की आदिकाल से ही ऐसी प्रकृति है कि वह अपने शत्रु को भी आदर और स्नेह की नजर से पहले देखता है । अपने ज्ञान प्रकाश का दुर्लभ दर्शन कराता है। अभिमान अन्धकार के कारण शत्रु की आँखें ज्ञान प्रकाश के दर्शन करने को विफल हो जाती हैं, तब हमारा देश अपनी शक्ति का दर्शन करता है। इस पुस्तक में मेरी लेखनी अभिमान अन्धकार में भटकते अन्धे शत्रु को अशनि आवाज और सिंह की गर्जना से सावधान हो जाने को कह रही है।

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