Bhavanao ka Sangam

199.00

By: Jay Karan Chhillar

ISBN: 9789366651910

Category: POETRY / General

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इस काव्य संग्रह में जीवन, प्रकृति और मानव अनुभवों से जुड़े गहरे भावनात्मक, आध्यात्मिक और दार्शनिक विषयों की खोज की गई है। महिला की आंतरिक मूल्य और संघर्षों से लेकर, प्रेम, दुःख और आत्म-खोज पर व्यापक चिंतन तक, ये कविताएँ अस्तित्व की जटिलताओं में गहरी डुबकी लगाती हैं। काव्य जीवन के उतार-चढ़ाव पर विचार करती है, और साथ ही आत्ममंथन और सार्वभौमिक सत्य की ओर इशारा करती है। यह काव्य ममता (माँ) की शक्ति, पहचान के संघर्ष, समाजिक मान्यताओं पर सवाल उठाने और अर्थ की तलाश पर केंद्रित है। इनमें सहनशीलता, आशा, सामाजिक भूमिकाओं, शांति की खोज और अपनी वास्तविकता को स्वीकार करने जैसे विषयों का समावेश है, जो मानव जीवन और आत्मा पर समृद्ध कथाएँ प्रस्तुत करते हैं।

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