देवयानी, यदुकुल की दिव्य माता’ के नाम से एक पौराणिक चरित्र आधारित उपन्यास या कथानक दो सर्गों में आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं। देवयानी, शुक्राचार्य की पुत्री है, उसका चरित्र चित्रण विवाह के पूर्व एवं विवाहोंपरांत का अख्यान एक अद्भुत गाथा है। विवाह पूर्व, देवयानी, गुरु बृहस्पति के पुत्र कच से, जो शुक्राचार्य से “मृत संजीवनी विद्या” सीखने आते हैं। देवयानी उनसे प्रेम करने लगती है। यहां देव संस्कृति और दानव संस्कृति दोनों का मिलन स्थल है, जिसमें देव संस्कृति की मर्यादा और दानव संस्कृति की अमर्यादित व्यवहार की गाथा को मैंने विस्तार पूर्वक वर्णन किया है।कच देवयानी को अपनी भगिनी मानते हैं क्योंकि कच शुक्राचार्य के उदर से अपना जीवन पाया था। शुक्राचार्य भी इस मर्यादा को समझा और कच का समर्थन किया। कच राक्षसों के षड्यंत्रों से बचने के लिए, गुरु की आज्ञा से देवलोक लौट जाता है।
PHILOSOPHY / Hindu
Devayani: Yadu kul ki divya mata
₹250.00
By: Dr. Pramod Kumar
ISBN: 9789366659299
Language: Hindi
Pages: 152
Format: Paperback
Category: PHILOSOPHY / Hindu
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