दौर-ए-हाज़िर में ग़ज़ल व नज़्म केवल कमसिन और ख़ूबसूरत ही नहीं बल्कि ताक़तवर एवं संघर्षशील भी हो गई हैं। जिनमें देश की जनता को जाग्रत करने की अभूतपूर्व शक्ति विद्यमान है। संसद से सड़क तक सर्वत्र इनकी अनुगूंज सुनाई दे रही है। मेरी यह पुस्तक ग़ज़लों और नज़्मों का सम्मिलित संग्रह है। इसमें संग्रहित रचनाओं में दिल से लेकर दिल्ली तक के हालातों की झांकी दिखाने का प्रयास किया गया है। वर्तमान काल के बदलते परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, चंद ग़ज़लों और नज़्मों के मार्फ़त कुछ विचार छंदात्मक रूप में प्रस्तुत हैं। जिन्हें समाज के निकष पर गढ़ा गया है।
POETRY / General
Khamosh Ye Nigahen
₹199.00
By: Yash Narsinghpuri
ISBN: 9789366650180
Language: Hindi
Pages: 100
Format: Paperback
Category: POETRY / General
Delivery Time: 7-9 Days
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