नारी अस्तित्व की आज़ादी केवल एक किताब नहीं, बल्कि एक आंदोलन है — उन सभी आवाज़ों का संगम जो सदियों से दबाई जाती रही हैं। यह पुस्तक नारी शक्ति, उसकी पहचान, उसके सपनों और उसके संघर्षों की गाथा है। एक ओर जहाँ समाज ने नारी को सीमाओं में बाँधने की कोशिश की, वहीं दूसरी ओर नारी ने हर बंधन को तोड़ने की जिद ठानी। यह किताब उस आज़ादी की बात करती है जो केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक स्तर पर भी जरूरी है। “नारी अस्तित्व की आज़ादी” में यह संदेश स्पष्ट है कि नारी कोई उपाधि नहीं, नारी स्वयं एक सम्पूर्ण अस्तित्व है — जिसे बिना शर्त सम्मान और स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। यह पुस्तक हर उस महिला को समर्पित है जो अपने हक के लिए लड़ी, लड़ रही है या लड़ने का सपना देख रही है। हर पृष्ठ पर नारी के साहस, उसकी पीड़ा, उसके संघर्ष और उसकी विजय की कहानी जीवंत हो उठती है। यह एक आह्वान है — नारी के अस्तित्व को समझने, स्वीकारने और उसे पूर्ण आज़ादी देने का। नारी अस्तित्व की आज़ादी” एक ऐसी पुकार है, जो सदियों के दर्द, सपनों और संघर्षों से निकली है। यह सिर्फ़ आज़ादी की मांग नहीं, बल्कि अपनी पहचान को जीने का अधिकार है। यह किताब नारी के उस अंतहीन सफर को बयान करती है, जहाँ उसने खुद को हर बार टूटी उम्मीदों, जंजीरों और भेदभाव के बीच फिर से खड़ा किया। हर शब्द, हर अध्याय एक सवाल उठाता है — क्या हम आज भी नारी को उसकी पूरी आज़ादी दे पाए हैं? क्या उसके सपनों को उड़ने के लिए खुले आसमान मिले हैं? यह पुस्तक नारी के आत्मसम्मान, स्वावलंबन और स्वप्नों के सम्मान की मांग करती है। यह उन कहानियों का प्रतिबिंब है जहाँ नारी ने चुप्पी तोड़ी, डर को हराया और अपनी पहचान को गढ़ा। “नारी अस्तित्व की आज़ादी” एक आवाज़ है — बदलाव की, चेतना की और जागरूकता की। यह सिर्फ़ नारी के लिए नहीं, बल्कि पूरे समाज के विकास के लिए एक संदेश है। “जब नारी स्वतंत्र होगी, तभी समाज सच में सभ्य कहलाएगा।”
JUVENILE NONFICTION / Biography & Autobiography / Women
Nari Astitva Ki Azaadi
₹199.00
By: Priyanka
ISBN: 9789366651071
Language: Hindi
Pages: 68
Category: JUVENILE NONFICTION / Biography & Autobiography / Women
Delivery Time: 7-9 Days
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