Prem Manovigyan

199.00

By: Dr. Sangita Kumari

ISBN: 9789366657882

Language: Hindi

Pages: 118

Format: Paperback

Category: PSYCHOLOGY / Love / General

Delivery Time: 7-9 Days

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प्रेम एक ऐसी भाव, फिलिंग्स है जो हम सभी के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। हर रिश्ते में एक फिलिंग्स होती है चाहे वह मां का अपने बच्चे के प्रति ममता, और भाई बहन की सुरक्षा की भावना, एवं दोस्तों की खुशी के लिए अपना सबकुछ त्याग करने की भावना, जीवन साथी हो या प्रेमिका साथ जीने के लिए हर हदों को पार करने की जुनून, और अपना सबकुछ त्याग कर भी संतान को मिली सफलता एवं खुशी देखकर जो दिल को खुशी और मन को संतुष्टि मिलती है वहीं सच्चा प्रेम है। प्रेम मनोविज्ञान एक ऐसी किताब है, जो सभी आयु वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। इसे पढ़कर सभी को अपने दिल और दिमाग की वस्तुस्थिति का सही गलत का अनुभव प्राप्त होगा। क्योंकि कब किसी की चाहत जुनून और पागलपन में तब्दील हो जाती है इसका एहसास ही नहीं होता है कोई क्यों एक तरफा लगाव वाले जुनून में पड़कर अपना मानसिक संतुलन खो देते हैं किसी को क्यो लगता है कि अपने प्रेमी-प्रेमिका के लिए वही सबकुछ है एक फोन कॉल नहीं उठाने पर जान लेने और देने की स्थिति में पहुंच जाते हैं। इन सवालों के जवाब इस किताब में मिलेगा। प्रेम और मनोविज्ञान मानसिक विकृतियों का कब क्यों रुप ले ले लेती है। प्रेम, सम्मोहन, आकर्षण, लगाव, मानसिक विकृतियों को समझने के लिए यह किताब बहुत महत्वपूर्ण है।

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