जीवन में कभी कुछ ऐसी घटनायें गुजरती हैं जिनके हम साक्षी होते हैं। वे हृदय में घर कर लेती हैं। जब उनका बाहर निकलने का प्रयत्न सार्थक होता है, वे कविताओं का रूप लेती हैं। इंसान के बदले चाल-चलन सामने आते हैं। आत्मा जीवन को सही सोच, सही मार्ग चलने का प्रोत्साहन देती है। ‘प्रेरणा से सृजन की ओर’ में लिखी कवितायें भाव प्रधान होने के साथ जीवन के कई पहुलओं को छूती हैं। एक प्रयास किया गया है कि हम विषयों पर ध्यान केंद्रित करें जो समय-समय पर हमारे समाज को प्रभावित करती है। इनमें कोई उपदेश नहीं है। पर हां विषय प्रंसागित है। जैसे बचपन की यादें, मां से गलती पर मार खाना। उनकी याद कर आंख में आंसू आ जाते हैं, कभी शैतानियों को याद कर आंख में चमक आ जाती है। बहुचर्चित पति-पत्नी की नोक झोंक जो हर जीवन का अभिन्न भाग है, जिसका जन्म प्यार से होता है और सब भूल कर उसी में परिवर्तित हो जाता है। इसमें छिपी होती है पत्नि की भावनायें और उसका अगाध प्रेम।
POETRY / General
Prerna Se Srijan Ki Oor
₹299.00
By: Umesh Chandra Saksena
ISBN: 9789366653242
Language: Hindi
Pages: 164
Category: POETRY / General
Delivery Time: 7-9 Days
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