संध्या का इंद्रधनुष’ में भी आपको रंगो, सभी रसों, भावों का अनुभव होगा। समाज में मेरे आस-पास जो भी घटनाएं घटित होती हैं जिन्हें देखकर- सुनकर मेरी अंतर्रात्मा से जो आवाज निकलती है, वही संध्या का इंद्रधनुष है। मेरे इस काव्य संग्रह में गम भी है, प्यार भी है, तकरार भी है, भक्ति भी है, यथार्थ भी है, दर्शन भी है, समाज के प्रति चिंता भी है। भ्रष्टाचार के प्रति आक्रोश भी है, चिंतन भी है, कल्पना भी है, श्रंगार भी है, विरहा भी है, आह, पीड़ा, हास्य का संगम भी है।
POETRY / General
Sandhya Ka Indradhanush
₹249.00
By: Dr. Sandhya Meriya
ISBN: 9789366659657
Category: POETRY / General
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