यह पुस्तक सदाचार, समानता तथा आंतरिक मनोदशा की अनुभूति कराने में बेहतर माध्यम सिद्ध होगी। इस पुस्तक का उद्देश्य यह समझाना है कि बाहरी परिस्थिति को स्वीकार करते हुए, ख़ुद में डूब जाना, उतर जाना तथा ख़ुद का ख़्याल रखना ही परम सुख की अनुभूति है। इस पुस्तक में दर्शाया गया है कि नशे का परित्याग करना तथा शिक्षा पर अति ज़ोर देना ही उच्च शिखर पर चढ़ने का बेहतर रास्ता है। इस पुस्तक के शब्दकोष में हर बेटी अर्चनीय, पूजायोग्य है। इस पुस्तक के शब्दकोष में माँ-बाप की शरण सबसे ऊँची है। यह पुस्तक मनुष्य को अप्राकृतिक विचारों से हटाकर नैतिक विचारों की ओर ले जाने में बेहतर भूमिका निभाती है। यह पुस्तक मोबाइल (जिसमें लोभात्मक भाव हो), वाहन (जिसमें जल्दबाज़ी का भाव हो), फ़ैशन (जिसमें दिखावा करने का भाव हो) तथा आकांक्षा(जिसमें लगाव रखने का भाव हो) से दूर होने की प्रेरणा प्रदान करती है। इस पुस्तक में यह ख़्याल रखा गया है- दहेज लेना निंदनीय है, गर्भपात करना बड़ा पाप है, तलाक देना नासमझी है, ख़ुद के ख़्यालों में उतर जाना अति जाप, सराहनीय है!
SELF-HELP / General
Vastavik Gyan Ka Prakash – Bhag 1
₹199.00
By: Banshnarayan Das
ISBN: 9789366652634
Category: SELF-HELP / General
Delivery Time: 7-9 Days
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