Bhavantar (Kavya Sangrah)

350.00

By: Dr. Md Zabed

ISBN: 9789366656946

Language: Hindi

Pages: 282

Category: POETRY / General

Delivery Time: 7-9 Days

Add to Wishlist
Add to Wishlist
Category:

भावांतर’— अन्तर्मन से प्रस्फुटित काव्य का एक विशिष्ट संकलन कविता, केवल शब्दों की सजीव अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि यह एक अंतःप्रवाह है, जो चेतना के गहनतम स्तरों को स्पर्श करता है। ‘भावांतर’ केवल एक काव्य-संग्रह नहीं, अपितु विचारों और अनुभूतियों का एक संवेदनशील समुच्चय है, जहाँ भावनाएँ शब्दों का आकार लेकर आत्मा के अदृश्य तल तक पहुँचती हैं। यह संग्रह मानवीय संवेदनाओं, प्रेम, वेदना, आकांक्षाओं और आत्मसंघर्षों की अनुगूंज को एक सशक्त शैली में प्रस्तुत करता है। यहाँ प्रेम की कोमलता है, तो वेदना की तड़प भी; यहाँ उल्लास की चंचलता है, तो संघर्ष की कठोरता भी; यहाँ स्मृतियों की सुगंध है, तो जीवन के कटु यथार्थ की तपिश भी। कविता के विभिन्न रूपों और रसों में पगी यह रचनाएँ केवल कल्पना की उड़ान भरने का प्रयास नहीं, बल्कि जीवन के वास्तविक अनुभवों की अभिव्यक्ति हैं। ‘भावांतर’ उन अनुभूतियों की भाषा है, जो मौन के गर्त में ध्वनित होती हैं और कभी शब्दों में ढलने का साहस नहीं कर पातीं। यहाँ सृजन के उस स्वरूप को प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है, जो केवल साहित्यिक शास्त्रों के बंधनों में न बंधकर, अनुभूति की स्वतंत्रता को संपूर्णता में समाहित करता है। संग्रह की प्रत्येक रचना अपने भीतर जीवन के विभिन्न आयामों को समेटे हुए है—कहीं यह प्रेम की स्निग्धता में भीगे स्वप्नों का प्रतिबिंब है, तो कहीं यह सामाजिक संरचनाओं की विडंबनाओं पर एक गहन विमर्श। कभी यह स्मृतियों की धुंध में खोए हुए क्षणों की पुनरावृत्ति है, तो कभी यह अनकहे शब्दों की मौन पुकार। ‘भावांतर’ का सृजन केवल आत्मसंतोष हेतु नहीं, बल्कि एक व्यापक संवाद स्थापित करने का प्रयास है, जहाँ पाठक स्वयं को प्रत्येक कविता में किसी न किसी रूप में प्रतिबिंबित होते हुए पाए। यह संग्रह, साहित्यिक सौंदर्य और गहरी दार्शनिकता का समुचित समन्वय है, जिसमें काव्यात्मक अभिव्यक्ति मात्र शब्दों का संयोजन नहीं, बल्कि अनुभूतियों का पुनर्सृजन बनकर उभरती है। अतः यह काव्य-संग्रह उन सभी हृदयों को समर्पित है, जिन्होंने कभी अपने भीतर किसी अनकहे भाव को महसूस किया हो, किंतु उसे व्यक्त करने के लिए उपयुक्त शब्दों की खोज में भटके हों। ‘भावांतर’ उनके मौन को स्वर देने, उनके अस्फुट शब्दों को अर्थ प्रदान करने और उनके गहनतम विचारों को दिशा देने का एक विनम्र प्रयास है।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Bhavantar (Kavya Sangrah)”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart
Scroll to Top
Form
Sign Up for Unbeatable Offers