Khoi Hui Cheezen

199.00

By: Sonal

ISBN: 9789366650135

Language: Hindi

Pages: 114

Category: POETRY / General

Delivery Time: 7-9 Days

Add to Wishlist
Add to Wishlist
Category:

यह राग और विराग बीच डोलती कविताओं का संग्रह है। एक ओर राग- अनुराग से परिपूर्ण संसार है तो दूसरी ओर कवी का विरागी मन है जो उसे संसार से विलग भी करता है। संवेदना से भरी ये कवितायें पाठक को उतना ही अकेला करतीं है जितना कि कवि स्वयम है। दृष्टी की जीवन्तता, अनुभव की मार्मिकता और संवेदना के तारल्य से ही यहाँ भाषा में वह अनूठापन भी पैदा हुआ हैं जिसे बोलचाल की भाषा में कवि की मौलिकता कहा जा सकता है। हिन्दी कविता की प्रदीर्घ यात्रा में ये कवितायेँ अपनी तरफ से बहुत कुछ जोड़ती-घटाती है। एक कवि की सार्थकता इससे बढकर कुछ और हो भी नहीं सकती हैं।

Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Khoi Hui Cheezen”

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shopping Cart
Scroll to Top
Form
Sign Up for Unbeatable Offers