प्रस्तुत है ‘नवप्रभात’.. एक नया सवेरा मेरे जीवन का, काव्य सृजन का, कुछ नए मनोभावों का और कुछ अनुभवो का।अभी तक, जीवन में मैंने जितनी भी पूर्ण कविताओं की रचना की है, उन सभी को इस संग्रह में संकलित करने का पूर्ण प्रयास किया है। जो कविता जब जैसी लिखी ज्यों की त्यों इसमें रख दी। किसी में भी संशोधन नहीं किया और न ही यह करना उचित समझा । क्योंकि जब कोई कविता लिखी जाती है, तो वह उस समय की मानसिकता, देशकाल, वातावरण, शब्द प्रयोग व कल्पना इत्यादि को दर्शाती है। मेरे ख्याल में,बाद में कविता को बढ़ाना या उसमें बदलाव करना उसका शोषण करना व टांग खींचने जैसा है,क्योंकि बाद में न पहले जैसे मनोभाव रहते है न कल्पना न अभिव्यक्ति।
POETRY / General
Navprabhat
₹249.00
By: Lakshit Sharma (Sulaksh)
ISBN: 9789366657936
Language: Hindi
Pages: 130
Category: POETRY / General
Delivery Time: 7-9 Days
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